तू अपनी जमी अपना आकाश पैदा कर,
तू अपने अन्दर अपना विश्वास पैदा कर ,
मुस्किलो से मत घबरा ये इन्सान,
तू अपने अन्दर भगत और आजाद पैदा कर.
इस समाज को आगे ले जाने के बिल्गेस्ट और अम्बानी का विश्वास पैदा कर.
मिला ले मेरे कदम के साथ कदम तू इस समाज के उत्थान के लिए विश्वास पैदा कर.
The one who does not know the struggle of life is either an immature soul, or a soul who has risen above the life of this world.
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