" इलज़ाम किस के सर धरें.. अब किस से करें गिला...
मुद्दे की बात ये है.. जिसे चाहा था.. नहीं मिला ;
कमी कुछ तो रही होगी.. वो आया.. और चला गया...
जो होना था.. हो गया वो.. हुआ ख़त्म.. सिलसिला ;
The one who does not know the struggle of life is either an immature soul, or a soul who has risen above the life of this world.
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